Total Pageviews

Wednesday 29 June, 2011

राहुल गांधी बनाम उत्तर प्रदेश

उत्तर प्रदेश में विधानसभा का चुनाव जैसे-जैसे नज़दीक आता जा रहा राजनैतिक गलियारे में हल-चल तेज हो गई है। जोड़-तोड़ नफा-नुकसान का आकलन किया जा रहा है। सबसे महत्वपूर्ण यह है कि इस चुनाव में कांग्रेस के युवराज राहुल गांधी की शाख दाव पर लगी है। कांग्रेस अपनी पूरी ताकत अपने युवराज के साथ लगा दिया है। एक समय था जब यू.पी. में कांग्रेस का एकतरफा राज था। कांग्रेस के खाते में sc/st व मुस्लीम वोट हुआ करते थे। लेकिन सफा और बसपा में इस वोट बैंक में सेंध लगा कर कांग्रेस का प्रभुत्व यू.पी. की राजनीति में शून्य कर दिया। उत्तर प्रदेश का भारतीय राजनीति में महत्वपूर्ण भूमिका रहती है इसलिए सभी पार्टी अपना दबदबा बरकरार रखना चाहती है। पिछले कुछ विधानसभा चुनावों जिनकी सीधी जिमेबारी राहुल गांधी पर पर थी वहां काग्रेंस को कुछ खास न कर सकी। उत्तर प्रदेश के लोकसभा चुनाव में राहुल का मैजिक कुछ खास नहीं चल पाया था अत आगामी विधानसभा चुनाव भी इस लिहाज से महत्वपूर्ण हो जाता है।
कांग्रेस राहुल में अपना भविष्य देखती है राहुल आते भी उत्तर प्रदेश से ही इस कारण भी यू.पी चुनाव काग्रेस के युवराज के लिए गंभीर चुनौती बन गया है। राहुल गांधी के लिए सबसे बड़ी चुनौती काग्रेंस का खोया हुआ वोट बैंक वापस लाने की है जिसके लिए वह हर संभव प्रयास करते भी दिखे है कभी वह किसी अनुसुचित जाति के घर में रात बिताते है तो कभी किसानो का दर्द सुनने मोटर साईकिल पर बैठकर भट्टा पासौल गांव पहुंच जाते है। राहुल गांधी की टक्कर सीधे तौर पर सपा और सत्ता रुढ बसपा से है। राहुल को पार्टी के कमजोर हो चुके संगठनात्मक ढ़ाचे को भी मजबूत करने की आवश्यकता है। राहुल गांधी को कांग्रेस के परम्परागत वोट बैंक को वापस लाने के कड़ी चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा।
यू.पी का आगमी विधानसभा चुनाव कांग्रेस के युवराज राहुल गांधी के भविष्य की राह तह करने में अहम भूमिका निभायेगा साथ ही राहुल गांधी अगर इस चुनाव में सफल होने में कामयाब हो जाते है तो वह उन विरोधियों का मुह बंद कर देगें जो उन्हे अमूल बॉय समझते है।

No comments:

Post a Comment