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Tuesday 10 May, 2011

अब क्षमा नहीं अब रण होगा...

ओसामा बिन लादेन के मौत के तुरंत बात भारतीय समाचार पत्रों में भारत के थल सेना प्रमुख के बयान आया कि हम भी अमेरिका की तर्ज पर खोफिया अभियान चला सकते है। यह बयान इस ओर सकेंत करता है कि हमारी सेना सक्षम व आतुर है पाकिस्तान में छुपे हुए देश के दुश्मन का सफाया करने के लिए। यहां जरुत है सिर्फ राजनैतिक इच्छा शक्ति की। भारतीय थल सेना प्रमुख ने बातो ही बातो में इशारा कर दिया है कि अगर उन्हें मौका मिलता है तो वह पाकिस्तान के सरजमी पर घुस कर भारत के दुश्मनों का सफाया कर देगें।

लेकिन क्या हमारी सरकार के पास इतनी इच्छा शक्ति है कि वह दाउद,टाईगर मेमन, व मुबई धामाकों मे शामिल देश के गद्दारो के खिलाफ कोई कठोर कदम उठा सके या अब भी हम सिर्फ अमेरिका को संतुष्ट करने में लगे रहेगे।

वहीं दूसरी तरफ अमेरिका हमारे साथ दोहरी नीति अपना रहा है एक ओर तो वह कहता है आंतक के खिलाफ लड़ाई में भारत के साथ दूसरी तरफ वह पाकिस्तान का साथ भी देता है जो कि भारत में आतंकी गतिविधयों के लिए जिम्मेबार है। अमेरिका के दोहरी नीति का आभास इस बात से भी लगता है कि हाल में अमेरिका ने कहा कि भारत में हुए हमले की तुलना अमेरिका पर हुए हमले से नहीं की जा सकती साफ शब्दों में अमेरिका पर हुआ हमला विश्व का सबसे बड़ा हमला और भारत पर हुआ आंतकी हमला कुछ भी नहीं। माफ कीजियेगा ओबामा जी लेकिन जितनी एक अमेरिकी जान की कीमत उससे कही ज्यादा भारतीय जान की कीमत है।

अब समय आ गया है कि भारत भी उन गद्धारो को जो कि भारत में अनगणित लोगों के दर्दनाक मौत के जिम्मेबार है उनकों उनके अजाम तक पहुंचाया जाये बेसक व विश्व के किसी कोने में छुप कर क्यों बैठे हो ताकि फिर कोई भारतीय सरजमीं की ओर बुरी नज़र से न देख सके।

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